mukund live
duniya mere aage
बुधवार, 30 जनवरी 2013
मुलाकात हुई, न हुई
देखा उसे, मिला भी मगर बात हुई, न हुई।
शबे-रोज उम्मीदों की कायनात हुई, न हुई।
जगता और तकता रहा बस यूं ही
इन ख्वाब ओ ख्यालों की रात हुई, न हुई।
जेब में रखे रहे तमाम इजहार ए इश्क के खत
कमबख्त हर बार मुलाकात हुई, न हुई।
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