दिल को भी कोई नया काम चाहिए
बेकरारी से मुख्तलिफ एक सुबह एक शाम चाहिए।
इस तडपते दिल को भी कोई नया काम चाहिए।
न तुम्हे है फुरसत न मुझे है आराम मेरे दोस्त
तुम भी हो मेरे लिए बेचैन,बस ये पैगाम चाहिए।
इस सौदायी दुनिया में चाहतों का भी लगता है मोल
लुट जाउंगा एक मुस्कुराहट पे नहीं कोई दाम चाहिए।
अब ये मय ओ मीना भी महफिल में सुरुर नहीं भरती
तेरे चश्म ए मय सा सुकून दे बस वो जाम चाहिए।
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